समाधि कमल (Samadhi Kamal)
OSHOहमारे जीवन में प्रेम की सुवास हो, उसके लिए जरूरी है कि हम अपने जीवन में ध्यान के बीज बोएं जो समाधि के कममलों के रूप में प्रस्फुटित हों।
ध्यान के बीज समाधि के कमलों तक कैसे सुगमता से विकसित हों, इसकी संपूर्ण रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए ओशो कहते हैं : ‘जीवन-साधना भी एक बगीचे में फूल लाने से भिन्न नहीं है। इसमें भी बीज बोने होंगे, बीज ध्यान के बोने होंगे। खाद और पानी और सूरज की रोशनी भी देनी होगी। यूं समझ लें : एक सम्यक आचार की, जिसकी तीन बातें मैंने कहीं, उसकी खाद देनी होगी। सम्यक भाव की जो मैंने तीन बातें कहीं उसका पानी देना होगा। और कल मैं तीन बातें आपसे सम्यक विचार की कहने को हूं, उनकी रोशनी देनी होगी। तो इन त्रि-रत्नों के माध्यम से—सम्यक आचार और सम्यक भाव और सम्यक विचार के माध्यम से वे ध्यान के बीज समाधि के फूल तक पहुंचेंगे।’
Izdavač:
OSHO Media International
Jezik:
hindi
ISBN:
B08SHXDQ1W
Fajl:
PDF, 2.11 MB
IPFS:
,
hindi0